Vibhavari Sesa Aloka Pravesa Lyrics
Vibhavari Sesa Aloka Pravesa Lyrics in Hindi
विभावरी शेष, आलोक-प्रवेश,
निद्रा छाड़ि’ उठ जीव।
बल’ हरि हरि, मुकुन्द मुरारी,
राम कृष्ण हयग्रीव॥1॥
नृसिंह वामन, श्री मधुसूदन,
ब्रजेन्द्रनन्दन श्याम।
पुतना-घातन, कैटभ -शातन,
जय दाशरथि – राम॥2॥
यशोदा दुलाल, गोविन्द गोपाल,
वृंदावन पुरंदर।
गोपीप्रिय-जन, राधिका-रमण,
भुवन-सुन्दरवर॥3॥
रावणान्तकर, माखन-तस्कर,
गोपीजन-वस्त्रहारि।
ब्रजेर राखाल, गोप-वृन्द-पाल,
चित्तहारी वंशीधारि॥4॥
योगीन्द्र-वन्दन, श्रीनन्द-नन्दन,
ब्रजजन-भयहारि।
नवीन नीरद, रूप मनोहर,
मोहनवंशी-बिहारी॥5॥
यशोदा-नन्दन, कंस-निसूदन,
निकुन्जरास-विलासी।
कदम्ब-कानन, रासपरायण,
वृन्दाविपिन-निवासी॥6॥
आनन्द वर्धन, प्रेम-निकेतन,
फुलशरयोजक काम।
गोपांगनागण, चित्त-विनोदन,
समस्त-गुण-गण-धाम॥7॥
यामुना-जीवन, केलि-परायण,
मानस-चन्द्र-चकोर।
नाम-सुधा-रस, गाओ कृष्ण-यश
राख वचन मन मोर॥8॥
Vibhavari Sesa Aloka Pravesa Lyrics in English
vibhāvarī śeṣa, āloka-praveśa,
nidrā chāri` uṭho jīva
bolo hari hari, mukunda murāri,
rāma kṛṣṇa hayagrīva॥1॥
nṛsiṁha vāmana, śrī-madhusūdana,
brajendra-nandana śyāma
pūtanā-ghātana, kaiṭabha-śātana,
jaya dāśarathi-rāma॥12
yaśodā dulāla, govinda-gopāla,
vṛndāvana purandara
gopī-priya-jana, rādhikā-ramaṇa,
bhuvana -sundara-bara॥3॥
rāvāṇāntakara, mākhana-taskara,
gopī-jana-vastra-hārī
brajera rākhāla, gopa-vṛnda-pāla,
citta-hārī baṁśī-dhārī॥4॥
yogīndra-bandana, śrī-nanda-nandana,
braja-jana-bhaya-hārī
navīna nīrada, rūpa manohara,
mohana-baṁśī-bihārī॥5॥
yaśodā-nandana, kaṁsa-nisūdana,
nikuñja-rāsa-vilāsī
kadamba-kānana, rāsa-parāyaṇa,
bṛnda-vipina-nivāsī॥6॥
ānanda-vardhana, prema-niketana,
phula-śara-jojaka kāma
gopāṅganā-gaṇa, citta-vinodana,
samasta-guṇa-gaṇa-dhāma॥7॥
jāmuna-jīvana, keli-parāyaṇa,
mānasa-candra-cakora
nāma-sudhā-rasa, gāo kṛṣṇa-jaśa
rākho vacana mana mora॥8॥
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Meaning
रात्रि का अन्त हो चुका है तथा सूर्योदय हो रहा है। सोती हुई जीवात्माओं, जागो! तथा श्रीहरि के नामों का जप करो। वे मुक्तिदाता हैं तथा मुर नामक असुर को मारनेवाले हैं। वे ही भगवान् बलराम, भगवान् कृष्ण तथा हयग्रीव (भगवान् का अ श्व ग्रीवा धारण किया हुआ अवतार) है।॥1॥
(2) भगवान् के नरसिंह अवतार की जय हो। वामनावतार की जय हो। मधु नामक दैत्य को मारने वाले, व्रजराज के पुत्र, श्याम वर्णी, वृन्दावन के परम भगवान्, पूतना तथा कैटभ दैत्य का नाश करने वाले भगवान् की जय हो। दशरथ पुत्र श्री रामचन्द्र की जय हो।॥2॥
माता यशोदा के दुलारे, वृन्दावन की गायों तथा गोपकुमारों के रक्षक एवं पालनकर्ता, गोपियों के परम प्रिय, राधारानी के संग विहार करने वाले, तथा समग्र ब्रह्मांड में सर्वाधिक आकर्षक भगवान् की जय हो।॥3॥
(4) रावण के संहारक, माखन चोर, गोपियों के वस्त्र चुराने वाले, व्रज की गायों के पालनहार, गोपकुमारों का निर्वाह करने वाले, चित्तचोर, वंशी बजाने वाले की जय हो।॥4॥
महान् योगियों द्वारा वंदनीय, महाराज नन्द के पुत्र, ब्रजवासियों के भय को हरने वाले, वर्षाऋतु के नवीन मेघ के समान अंगकांति वाले, मनोहारी रूप के स्वामी, तथा वंशीविहारी की जय हो।॥5॥
वे यशोदापुत्र, कंस के संहारक, वृन्दावन के निकुंजों में दिवय रास नृत्य का आनन्द उठाने वाले हैं।॥6॥
वे सबके आनन्द को बढ़ाते हैं। वे भगवद् – प्रेमोन्माद के भंडार हैं। वे पुष्प रूपी बाण चलाने वाले कामदेव, व्रजगोपिकाओं के हृदयों को आनन्दित करने वाले, तथा समस्त दिवय गुणों के आश्रय हैं। उनकी जय हो।॥7॥
वे यमुना नदी के जीवन एवं प्राण हैं। वे माधुर्य प्रेम में पारंगत हैं तथा चन्द्रमा रूपी मन में वे चकोर पक्षी के समान हैं। कृष्ण के यह पवित्र नाम अमृतमय हैं। अतएव, कृपया कृष्ण का गुणगान करो तथा इस प्रकार, श्रील भक्तिविनोद ठाकुर के वचनों का मान रखो।॥8॥
Meaning
The night has come to an end and the light of dawn is entering. O jīva soul, arise and give up your sleep. Chant the holy names of Lord Hari, who is the giver of liberation, the enemy of the Mura demon, the supreme enjoyer, the all-attractive one, and the horse-headed incarnation, Hayagrīva.॥1॥
Lord Hari [Kṛṣṇa] incarnated as the half-man, half-lion, Nṛṣiṁha. He appeared as a dwarf-brāhmaṇa named Upendra and is the killer of the Madhu demon. He is the beloved son of the King of Vraja, Nanda Mahārāja, and is blackish in complexion. He is the slayer of the Pūtanā witch and the destroyer of the demon Kaitabha. All glories to Lord Hari, who appeared as Lord Rāma, the son of King Daśaratha!॥2॥
He is the darling of mother Yaśodā, the giver of pleasure to the cows, land, and spiritual senses, and the protector of the cows. He is the Lord of the Vṛndāvana forest, the gopīs’ beloved, the lover of Rādhikā, and the most beautiful personality in all the worlds.॥3॥
As Rāmacandra He put an end to the demoniac King Rāvaṇa. As Kṛṣṇa, in His childhood He stole butter from the elder gopīs, and in His youth He stole the clothes of the younger gopīs while they bathed in the Yamunā. He is a cowherd boy of Vraja and the protector of the cowherd boys. He steals the hearts of all and always holds a flute.॥4॥
Lord Kṛṣṇa is worshiped by the best of yogīs, He is the son of Nanda, He removes all the fears of the inhabitants of Vraja, He is the color of a fresh rain cloud, and His form is enchanting. When He wanders about, playing His flute, He looks very charming.॥5॥
He is the son of Yaśodā and the killer of King Kaṁsa, and He sports in the rāsa dance among the groves of Vraja. Kṛṣṇa engages in the rāsa dance beneath the kadamba trees, and He resides in the forest of Vṛndāvana.॥6॥
He increases the ecstasy of His devotees. He is the reservoir of all love and is the transcendental Cupid who shoots His flower arrows to increase the loving desires of the gopīs. He is the pleasure of the gopīs’ hearts and the abode of all wonderful qualities.॥7॥
Lord Kṛṣṇa is the life of the river Yamunā. He is always absorbed in amorous pastimes, and He is the moon for the cakora birds of the gopīs’ minds. O mind, obey these words of mine and sing the glories of Śrī Kṛṣṇa in the form of these holy names, which are full of nectarean mellows.॥8॥
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