Govindam Adi Purusham Lyrics Aarti
गोविन्दमादिपुरुषं लिरिक्स आरती
Govindam Adi Purusham By Lord Brahma
Govindam Adi Purusham Lyrics Aarti In Hindi
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
वेणुं क्वणन्तमरविन्ददलायताक्षं
बर्हावतं समसिताम्बुदसुन्दराङ्गम्।
कन्दर्पकोटिकमनीयविशेषशोभं
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
अङ्गानि यस्य सकलेन्द्रियवृत्तिमन्ति
पश्यन्ति पान्ति कलयन्ति चिरं जगन्ति।
आनन्दचिन्मयसदुज्ज्वलविग्रहस्य
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
Namaste Narasimhaya Lyrics Aarti
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
गोविन्दमादिपुरुषं तमहं भजामि॥
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
अर्थ
मैं आदिपुरूष भगवान् गोविन्द का भजन करता हूँ ।
(1) जो वेणु बजाने में दक्ष हैं, कमल की पंखुडियों जैसे जिनके प्रफुल्ल नेत्र हैं, जिनका मस्तक मोरपंख से आभूषित है, जिनके अंग नीले बादलों जैसे सुंदर हैं और जिनकी विशेष शोभा करोड़ों कामदेवों को भी लुभाती है, उन आदिपुरुष भगवान् गोविंद का मैं भजन करता हूँ।
(2) जिनका दिवय श्री विग्रह आनंद, चिन्मयता तथा सत् से पूरित होने के कारण परमोज्जवल है, जिनके चिन्मय शरीर का प्रत्येक अंग अन्यान्य सभी इंद्रियों की पूर्ण-विकसित वृत्तियों से युक्त है, जो चिरकाल से आध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों जगतों को देखते, पालन करते तथा प्रकट करते हैं, उन आदिपुरुष भगवान् गोविंद का मैं भजन करता हूँ।
Govindam Adi Purusham Lyrics Aarti In English
Namamishram Sachchidanand Rupam Lyrics Stuti
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Hare Krishna,
Iskon m shringar aarti m kon kon si aarti boli jati h.