Shri Laxmi Suktam Lyrics
Mahalaxmi Strotam Lyrics
Shri Laxmi Suktam Lyrics in Hindi
|| हरिः ॐ ||
हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्
अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रबोधिनीम् ।
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवीर्जुषताम्
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणो ॥
आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥
उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् किर्तिमृद्धिं ददातु मे ॥
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात् ॥
गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीगं सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम्
श्री अष्ट लक्ष्मी स्तोत्र लिरिक्स
मनसः काममाकूतिं वाचस्सत्यमशीमहि ।
पशूनां रुपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः ॥
कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम।
श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम्॥
आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे।
निच-देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह ॥
ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि ।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्
Shri Laxmi Suktam Lyrics in English
Om, Hiranya varnam harinim Suvarna rajatasrajam
Chandraam hiranmayim Lakshmim jatavedo ma avaha
Tamaavaha jatavedo Lakshmimananpagaminim
Yasyaam hiranyam vindeyam Gamasvam purushanaham
Ashwapurvam Rathamadhyam Hastinada Prabodinim
Sriyam Devimupahvaye Shrirmadevirjushatam
Kamsosmitam Hiranya Prakaramardram Jvalantim truptam tarpayantim
Padmestitam padmavarnam Tamihopahvaye sriyam
Chandramprabhasam yashasajvalantim Sriyamloke devajustamudaram
Tam Padminimim Saranamaham Prapadye Alakshmirme Nashyatam twam vrune
Aadityavarne Tapasodhijato Vanaspatistava Vrukshothabilvaha
Tasya phalani Tapasanudantu Mayantarayascha Bahya Alakshmihi
Upaitumam Devasakhaha Kirtishcha Maninaa Saha
Praddurbhuto smi rastresmin Kirthimrudhim dadatume
Kshutpipasamalam JyesthaAm Alakshmim nashayamyaham
Abhutimasamruddhim cha Sarvam Nirnuda me grihat
Gandhadvaram duradharsham Nitya Pushtam Karishinim
Eshvarim sarvabhutanam Tamihopahvaye Sriyam
Manasaha-Kamamakutim Vachasatya mashimahi
Pashunam Rupamanasya mayi Srishrayatam yashaha
Kardamena Prajabhuta mayi Sambhava Kardhama
Shriyam Vasayame Kule Mataram Padma malinim
Aapha srujantu Snigdhani Chiklita Vasa Me Gruhe
Nicha devim Mataram Sriyam Vasay me kule
Ardram pushkarinim Pushtim Suvarnam Hemamalinim
Suryam Hiranmayim Lakshmim Jatavedo Ma avaha
Om Mahadevyaicha vidmahe Vishnu Pathnyaicha dhimahi
Tanno Lakshmih prachodayatu Om Shanti Shanti Shantihi
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