अच्छे लोगो के साथ ही बुरा क्यो होता है? Why Bad Happens With Good People


Why Bad Happens With Good People


 

अच्छे लोगो के साथ ही बुरा क्यो होता है

यह सवाल कई लोगो के मन मे आता होगा। मैंने तो किसी का बुरा नही किया, फिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ। मैं तो सदैव ही धर्म और नीति के मार्ग का पालन करता हूँ, फिर मेरे साथ हमेशा बुरा क्यो होता है।

ऐसे कई विचार अधिकांश लोगों के मन मे आते होंगे।

ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दिए हैं।

Aaadhyatmik Prerak Prasang
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एक बार अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि हे अच्छे लोगो के साथ ही बुरा क्यो होता है…

यह सवाल कई लोगो के मन मे आता होगा। मैंने तो किसी का बुरा नही किया, फिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ। मैं तो सदैव ही धर्म और नीति के मार्ग का पालन करता हूँ, फिर मेरे साथ हमेशा बुरा क्यो होता है।

ऐसे कई विचार अधिकांश लोगों के मन मे आते होंगे। ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दिए हैं।

एक बार अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि हे वासुदेव ! अच्छे और सच्चे बुरे लोगो के साथ ही बुरा क्यो होता है, इस पर भगवान श्री कृष्ण ने एक कहानी सुनाई। इस कहानी में हर मनुष्य के सवालों का जवाब वर्णित है 

 श्रीकृष्ण कहते हैं, कि एक नगर में दो पुरूष रहते थे। पहला व्यक्ति जो बहुत ही अच्छा इंसान था, धर्म और नीति का पालन करता था, भगवान की भक्ति करता था और मन्दिर जाता था। वह सभी तरह के गलत कामो से दूर रहता था। वहीं दूसरा व्यक्ति जो कि दुष्ट प्रवत्ति का था, वो हमेशा ही अनीति और अधर्म के काम करता था।

वो रोज़ मन्दिर से पैसे और चप्पल चुराता था, झूठ बोलता था और नशा करता था। एक दिन उस नगर में तेज बारिश हो रही थी और मन्दिर में कोई नही था, यह देखकर दूसरे उस नीच व्यक्ति ने मन्दिर के सारे पैसे चुरा लिए और पुजारी की नज़रों से बचकर वहाँ से भाग निकला, थोड़ी देर बाद जब वो पहला व्यक्ति दर्शन करने के उद्देश्य से मन्दिर गया तो उस पर चोरी करने का इल्ज़ाम लग गया।

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वहाँ मौजूद सभी लोग उसे भला – बुरा कहने लगे, उसका खूब अपमान हुआ। जैसे – तैसे कर के वह व्यक्ति मन्दिर से बाहर निकला और बाहर आते ही एक गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। वो व्यक्ति बुरी तरह से चोटिल हो गया।

इसी वक्त मन्दिर से दूर भागते समय उस दुष्ट व्यक्ति को एक नोटो से भरी पोटली हाथ लगी, इतना सारा धन देखकर वह दुष्ट खुशी से पागल हो गया और बोला कि आज तो मज़ा ही आ गया। पहले मन्दिर से इतना धन मिला और फिर ये नोटों से भरी पोटली। दुष्ट की यह बात सुनकर पहला व्यक्ति दंग रह गया।

उसने घर जाते ही घर मे मौजूद भगवान की सारी तस्वीरे निकाल दी और भगवान से नाराज़ होकर जीवन बिताने लगा। सालो बाद जब उन दोनों की मृत्यु हो गयी और दोनों यमराज के सामने गए तो उस व्यापारी ने नाराज़ स्वर में यमराज से प्रश्न किया कि मैं तो सदैव ही अच्छे कर्म करता था, जिसके बदले मुझे अपमान और दर्द मिला और इस अधर्म करने वाले दुष्ट को नोटो से भरी पोटली…आखिर क्यों?

उसके सवाल पर यमराज बोले जिस दिन तुम्हारे साथ दुर्घटना घटी थी, वो तुम्हारी ज़िन्दगी का आखिरी दिन था, लेकिन तुम्हारे अच्छे कर्मों की वजह से तुम्हारी मृत्यु एक छोटी सी चोट में बदल गयी वही इस दुष्ट को जीवन मे राजयुग मिलने की सम्भावनाएं थी, लेकिन इसके बुरे कर्मो के चलते वो राजयोग एक छोटे से धन की पोटली में बदल गया।

Hindi Katha Bhajan Youtube
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 श्रीकृष्ण कहते हैं कि “भगवान हमे किस रूप में दे रहे हैं, ये समझ पाना बेहद कठिन होता है। अगर आप अच्छे कर्म कर रहे हैं और बुरे कर्मो से दूर हैं, तो भगवान निश्चित ही अपनी कृपा आप पर बनाए रखेंगे। जीवन मे आने वाले दुखों और परेशानियों से कभी ये न समझे कि भगवान हमारे साथ नही है, हो सकता है आपके साथ और भी बुरा होने का योग हो, लेकिन आपके कर्मों की वजह से आप उनसे बचे हुए हो। तो ये थी भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताई गई एक रोचक कहानी, जिसमे मनुष्यों के अधिकांश सवालों के उत्तर मौजूद हैं..!!

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