तिलक लगाने के बाद चावल क्यों लगाए जाते है? Tilak Ke Bad Chawal


Tilak Ke Bad Chawal


क्या आप जानते है तिलक लगाने के बाद चावल के दाने क्यों लगाए जाते है?


ये तो आपने अक्सर देखा होगा, कि जब आपके घर में कोई त्यौहार, शादी या पूजा का समय होता है, तो इसकी शुभ शुरुआत व्यक्ति को तिलक लगा कर की जाती है. जी हां ये तो सब को मालूम है कि पूजा के दौरान व्यक्ति को तिलक लगाया जाता है, क्यूकि तिलक लगाना शुभ माना जाता है.

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मगर क्या आपने कभी ये सोचा है कि तिलक लगाने के बाद व्यक्ति के माथे पर चावल क्यों लगाए जाते है. यकीनन आपको कभी ये सोचना की जरूरत ही नहीं पड़ी होगी. हालांकि आज हम आपको ये बताएंगे कि तिलक लगाने के बाद उसके ऊपर चावल क्यों लगाए जाते है. गौरतलब है कि पूजा के दौरान माथे पर कुमकुम का तिलक लगाते समय चावल के दाने भी ललाट पर जरूर लगाए जाते है। 

Aaadhyatmik Prerak Prasang
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 ऐसा क्यों किया जाता है, इसके पीछे की वजह भी आज हम आपको विस्तार से बताते है. अगर वैज्ञानिक दृष्टि की बात करे तो माथे पर तिलक लगाने से दिमाग में शांति और शीतलता बनी रहती है. इसके इलावा चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. वही अगर शास्त्रों की बात करे तो चावल को हविष्य यानि हवन में देवी देवताओ को चढ़ाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है। एक और मान्यता के अनुसार चावल का एक अन्य नाम अक्षत भी है इसका अर्थ कभी क्षय ना होने वाला या जिसका कभी नाश नही होता है।

तभी तो हम हर खास मौके पर चावल जरूर बनाते है. दरअसल ऐसा माना जाता है कि कच्चे चावल व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते है. यही वजह है कि पूजा के दौरान न केवल माथे पर तिलक लगाया जाता है, बल्कि पूजा की विधि संपन्न करने के लिए भी चावलों का इस्तेमाल किया जाता है।

आपने अक्सर देखा होगा कि पूजा में तिलक और पुष्प के साथ कुछ मीठा और चावल जरूर होते है. वो इसलिए क्यूकि पूजा की विधि बिना चावलों के पूरी नहीं हो सकती. यही वजह है कि चावलों को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है और इसे माथे पर तिलक के साथ लगाया जाता है. इसके इलावा पूजा में भी कुमकुम के तिलक के ऊपर चावल के दाने इसलिए लगाए जाते है, ताकि हमारे आस पास जो नकारात्मक ऊर्जा है, वो दूर जा सके या खत्म हो सके. जी हां इसे लगाने का उद्देश्य यही होता है कि वो नकारात्मक ऊर्जा वास्तव में सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो सके।

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यक़ीनन इसे पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि माथे पर कुमकुम का तिलक लगाने के बाद उसके ऊपर चावल के दाने क्यों लगाए जाते है. हालांकि अगर आप पूजा के समय माथे पर केवल तिलक लगाते है और चावल के दानो का इस्तेमाल नहीं करते, तो यह सही नहीं है।  अगर आप ऐसा करते है, तो अब से ऐसा कभी मत कीजियेगा, क्यूकि इससे न केवल पूजा अधूरी होने का आभास होता है, बल्कि इससे नकारात्मक ऊर्जा भी आपके आस पास भटकती रहती है. इसलिए हम तो यही कहेगे कि हर पूजा में चावलों का खास महत्व है. ऐसे में आपको चावलों का इस्तेमाल करना कभी नहीं भूलना चाहिए।

हम उम्मीद करते है, कि इस जानकारी को पढ़ने के बाद आपको चावलों का महत्व पूरी तरह से समझ आ गया होगा।


हम उम्मीद करते हैं की आपको यह ‘तिलक लगाने के बाद चावल के दाने क्यों लगाए जाते है? Tilak Ke Bad Chawal ‘ पसंद आया होगा। इस प्रकार के आध्यात्मिक प्रेरक प्रसंग पढ़ने और सुनने के लिए पधारे। इस प्रसंग के बारे में आपके क्या विचार हैं हमें कमेंट करके जरूर बताये।

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