भगवान शिव पांडवों को श्राप क्यों दिया Shiv Ji Ne Diya Shrap


Shiv Ji Ne Diya Shrap


भगवान शिव पांडवों को श्राप क्यों दिया

हिंदू ग्रंथ महाभारत से जुड़ी कई अलग-अलग कहानियों के बारे में तो लोग जानते ही हैं लेकिन इनमें से कुछ ऐसी भी कहानियां हैं जिनके बारे में शायद ही किसी को पता है।

महाभारत में ऐसे अनेकों प्रमुख पात्र थे जिनकी इसमें विशेष भूमिका रही थी। जिसमें से सबसे प्रमुख पात्र थे श्रीकृष्ण। शायद ही कोई जानता होगा कि महाभारत में भगवान शंकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आईए जानते हैं भोलेनाथ और पांडवों से जुड़ी ये रहस्यमयी कथा

Aaadhyatmik Prerak Prasang
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महाभारत युद्ध के बाद पांडवों के पुत्रों का अश्वत्थामा ने वध कर दिया था। लेकिन इसके बाद किसने क्या कदम उठाया, इसके बारे में शायद कोई नहीं जानता होगा। इस पूरी घटना के बाद की संपूर्ण कहानी भविष्यपुराण में लिखी गई है। 

भविष्यपुराण के मुताबिक पांडवों के वध के लिए अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य रात के समय पांडवों के आवास पर गए थे।

तीनों ने मिलकर भगवान शिव की आराधना करके उनसे पांडवों के आवास में प्रवेश पाने की आज्ञा ले ली। आज्ञा मिलने के बाद तीनों ने मिलकर भगवान शिव से प्राप्त अस्त्र से पांडवों के सभी पुत्रों का वध कर दिया और वहां से वापस चले आए।

लेकिन जब पांडवों को पुत्रों के वध की खबर मिली तो वे आग बबूला हो गए। पांडवों ने पुत्रों के वध को भगवान शिव की मंशा समझकर उनसे लोहा लेने का मन बना लिया।

जब पूरी तैयारी के बाद पांडव लड़ाई के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे तो वे काफी क्रोधित हुए। भगवान शिव ने पांडवों से कहा कि तुम तुम सभी भगवान श्रीकृष्ण के उपासक हो इसलिए इस जन्म में तुम्हें इस अपराध का फल नहीं मिलेगा, लेकिन इसका फल तुम्हें कलयुग में फिर से जन्म लेकर भोगना पड़ेगा।

भगवान शिव की इस बात को सुनकर सभी पांडव दुखी हो गए और फिर वो सभी भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचे। उन्होंने श्रीकृष्ण से अपनी सारी व्यथा बताई तब श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि कौन सा पांडव कलयुग में कहां और किसके घर जन्म लेगा।

भविष्य पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहां होगा और वो ब्रह्मानंद नाम से विख्यात होंगे।

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श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में युधिष्ठिर वत्सराज नाम के राजा के पुत्र बनेंगे और कलियुग मे उनका नाम मलखान रखा जाएगा। 

भगवान श्रीकृष्ण ने भीम के बताया कि उनका जन्म कलयुग में वीरण के नाम से होगा और वो वनरस नाम के राज्य के राजा बनेंगे।

श्रीकृष्ण ने नकुल से कहा कि कलयुग में उनका जन्म कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के यहां पर जन्म लेंगे और उन्हें लक्षण के नाम से जाना जाएगा 

भविष्य पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण ने बताया कि कलयुग में सहदेव भीमसिंह नामक राजा के घर में जन्म लेंगे और उनका नाम होगा देवसिंह। 

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श्रीकृष्ण ने धृतराष्ट्र को उनके जन्म में बताते हुए कहा कि तू अजमेर में पृथ्वीराज के रूप में होगा और द्रौपदी उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उनका नाम होगा वेला।

भविष्य पुराण के अनुसार कलयुग में महादानी कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में होगा।


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