सखी री बांके बिहारी से भजन
Sakhi Ri Banke Bihari Se Lyrics Bhajan
निकुंज कामरा जी भजन
स्वर:- निकुंज कामरा जी
Sakhi Ri Banke Bihari Se Lyrics Bhajan In Hindi
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अखियाँ ।
ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अखियाँ ।
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी आखियाँ ॥
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी आखियाँ ॥
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
चहू दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो ।
चहू दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो ।
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पद गयी अखियाँ ॥
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पद गयी अखियाँ ॥
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी ।
भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी ।
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ ॥
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।