नाखून से तुलसी के पत्ते नही तोड़ने चाहिए? Nakhun Se Tulsi Ke Patte Nhi Todne Chahiye


Nakhun Se Tulsi Ke Patte Nhi Todne Chahiye


क्या आप जानते है नाखून से तुलसी के पत्ते को क्यो नही तोड़ना चाहिए?

तुलसी के पत्ते को तोड़ने के नियम क्या है


हिंदू संस्कृति में तुलसी को बेहद पवित्र पौधा माना जाता है। यही कारण है कि सनातन परंपरा को मानने वाले अधिकांश घरों के आंगन में तुलसी का पौधा जरूर लगा होता है। लोग घरों के आंगन में तुलसी लगाकर रोज उसकी पूजा करते हैं तथा जल चढ़ाते हैं, लेकिन तुलसी केवल धार्मिक महत्व का पौधा नहीं है बल्कि इसके कई चिकित्सकीय गुण इसे औषधियों की कतार में भी शामिल करते हैं। यह आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि है जो कई तरह के रोगों के निदान में प्रयोग में लाई जाती है। आयुर्वेद में तुलसी के पत्ते को सबसे बेहतरीन प्राकृतिक एंटी-बायोटिक माना जाता है।

माना जाता है कि रविवार, सूर्य ग्रहण, एकादशी, संक्रान्ति, द्वादशी, चंद्रग्रहण और संध्या काल में तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए. मान्यता के अनुसार, एकादशी पर मां व्रत करती हैं इसलिए इस दिन पत्ते तोड़ने से घर में गरीबी आती है.

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तुलसी जी को तोडने से पहले वंदन करो। 

1 तुलसी जी को नाखूनों से कभी नहीं तोडना चाहिए,नाखूनों के तोडने से पाप लगता है।

2  सांयकाल के बाद तुलसी जी को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए ।

3  रविवार को तुलसी पत्र नहीं तोड़ने चाहिए ।

4  जो स्त्री तुलसी जी की पूजा करती है। उनका सौभाग्य अखण्ड रहता है । उनके घर सत्पुत्र का जन्म होता है ।

5  द्वादशी के दिन तुलसी को नहीं तोडना चाहिए ।

6  सांयकाल के बाद तुलसी जी लीला करने जाती है।

7  तुलसी जी वृक्ष नहीं है! साक्षात् राधा जी का अवतार है ।

8. तुलसी के पत्तो को चबाना नहीं चाहिए।

 

“तुलसी वृक्ष ना जानिये।

गाय ना जानिये ढोर।।

गुरू मनुज ना जानिये।

ये तीनों नन्दकिशोर।।

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अर्थात-

तुलसी को कभी पेड़ ना समझें गाय को पशु समझने की गलती ना करें और गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें, क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं।

बोलो तुलसी महारानी की जय


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