Ham Van K Vasi Nagar Jagane Aaye Lyrics Bhajan
रामायण भजन
Ham Ban Ke Vasi Nagar Jagane Aaye Lyrics Bhajan In Hindi
हम कथा सुनाते राम शक्ल गुणधाम की लिरिक्स भजन
वन वन डोले कुछ ना बोले सीता जनक दुलारी
फूल से कोमल मन पर सहती दुःख पर्वत से भारी
धर्म नगर के वासी कैसे हो गए अत्याचारी
राज धर्म के कारण लूट गयी एक सती सन्नारी
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
सीता को उसका खोया
माता को उसका खोया
सम्मान दिलाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
जनक नंदिनी राम प्रिया वो रघुकुल की महारानी
तुम्हरे अपवादों के कारण छोड़ गई राजधानी
महासती भगवती सिया तुमसे न गयी पहचानी
तुमने ममता की आंखों में भर दिया पीर का पानी
भर दिया पीर का पानी…
उस दुखिया के आंसू लेकर…
उस दुखिया के आंसू ले कर आग लगने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
सीता को ही नही राम को भी दारुन दुख दिने
निराधार बातों पर तुमने हृदयो के सुख सिने
पति व्रत धर्म निभाने में सीता का नही उदारहण
क्यु निर्दोष को दोष दिया वनवास हुआ किस कारण
वनवास हुआ किस कारण…
न्याय शील राजा से उसका…
न्याय शील राजा से उसका न्याय करने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
सीता को उसका खोया
माता को उसका खोया
सम्मान दिलाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हैं जनक नंदिनी किस दसा में
क्या कभी ये भी सोच किसी ने
उसपे आरोप मिथ्या लगाकर
साथ सीता का छोडा सभी ने
सिय का घर छूट गया
पति का सुख लूट गया
आज वन वन फायर सिय माई
हाय तुमको दया भी न आई
आग सीता के सुख में लगाई
हाय तुमको दया भी न आई
जिसने लंकेश को तुच्छ जाना
जिसने ठुकरा दी सोने की लंका
जिसकी हर स्वास रघुवर को अर्पण
ऐसी सीता पे की तुनमे शंका
तुम वो अज्ञान हो ऐसी संतान हो
जिसने माता में ढूंढी बुराई
आग सीता के सुख में लगाई
हाय तुमको दया भी न आई
हम वन के वासी नगर जगाने आये
हम वन के वासी नगर जगाने आये
Ham Ban Ke Vasi Nagar Jagane Aaye Lyrics Bhajan In English
Phool Se Komal Man Par Sahti Dukh Parvat Se Bhari
Dhram Nagar Ke Vasi Kaise Ho Gaye Atyachari
Raj Dharm K Karan Lut Gayi Ek Sati Sannari
Ham Van K Vasi Nagar Jagane Aaye
Ham Van K Vasi Nagar Jagane Aaye
Sita Ko Uska Khoya…
Mata Ko Uska Khoya
Samman Dilane Aayen
Ham Van K Vaasi Nagar Jagane Aaye
Ham Van K Vaasi Nagar Jagane Aaye
Janak Nanaini Ram Priya Vo Raghukul Ki Maharani
Tumhre Apvado K Karan Chhod Gai Rajdhani
Mahasati Bhagvati Siya Tumse Na Gai Pehchani
Tumne Mamta Ki Aankhon Mein Bhar Diya Peer Ka Pani
Bhar Diya Peer Ka Pani…
Us Dukhiya Ke Aansun Lekar…
Us Dukhiya Ke Aansun Lekar Aag Lagane Aaye
Ham Van K Vaasi Nagar Jagane Aaye
Ham Van K Vaasi Nagar Jagane Aaye
Sita Ko Hi Nahi Ram Ko Bhi O Darun Dukh Dine
Niradhar Baton Par Tumne Hridyo Ke Sukh Chhine
Pativrata Dharm Nibhane Mein Sita Ka Nahi Udaharan
Kyon Nirdosh Ko Dosh Diya Vanvaas Hua Kis Karan…
Vanvaas Hua Kis Karan…
Nyayshil Raja Se Usk…
Nyayshil Raja Se Uska
Nyaay Karane Aaye…
Ham Van K Vasi Nagar Jagane Aaye
Ham Van K Vasi Nagar Jagane Aaye
Sita Ko Uska Khoya…
Mata Ko Uska Khoya
Samman Dilane Aaye
Hum Van Ke Vasi Nagar Jagane Aaye
Hai Janak Nandini Kis Dasha Me Kya Kabhi Ye Bhi Socha Kisi Ne
Uspe Aarop Mithya Lagakar Saath Sita Ka Chhoda Sabhi Ne
Siya Ka Ghar Chhut Gaya Pati Ka Sukh Lut Gaya
Aaj Van Van Phire Sita Mai Haay Tumko Daya Bhi Na Aai
Hey Avadhvasio, Andhvishvasio, Hay Tumko Daya Bhi Naa Aai
Aag Sita Ke Sukh Me Lagai
Hay Tumko Daya Bhi Naa Aai
Jisne Lankesh Ko Tuchh Jana Jisne Thukara Di Sone Ki Lanka
Jiski Har Sans Raghuvar Ko Arpan Aisi Sita Pe Ki Tumne Shanka
Tum Wo Agyan Ho Aisi Santan Ho Jisne Mata Mein Dhundi Burai
Aag Sita K Sukh Mein Lagayi
Hay Tumko Daya Bhi Naa Aayi
Ham Van Ke Vasi…
Nagar Jagane Aaye
Nagar Jagane Aaye
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