Darshan Do Ghanshyam Nath Lyrics Bhajan
Darshan Do Ghanshyam Lyrics Bhajan In Hindi
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
मन मंदिर की ज्योति जगा दो
घट घट वासी रे,
मन मंदिर की ज्योति जगा दो
घट घट वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी न दीखे सूरत तेरी
मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी न दीखे सूरत तेरी
युग बीते ना आई मिलन की
पूरनमासी रे,
युग बीते ना आई मिलन की
पूरनमासी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरि
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
करूणा भरे कृपा भरे मेरे बांके बिहारी सरकार
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
अंधा देखे लंगड़ा चल कर
पँहुचे काशी रे,
अंधा देखे लंगड़ा चल कर
पँहुचे काशी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरि
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ
नैनन को कैसे समजाऊँ
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ
नैनन को कैसे समजाऊँ
आँख मिचौली छोड़ो अब
तो मन के वासी रे,
आँख मिचौली छोड़ो अब
तो मन के वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरि
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी
अँखियाँ प्यासी रे
Darshan Do Ghanshyam Lyrics Bhajan In English
darshan do ghanshyam nath mori,
ankhiya pyasi re
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